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गौरी पुत्र श्रीगणेश के नाम से है गाँव की पहचान गाँव जामोनिया गणेश में बाबा की है कृपा दृष्टि।। आज से पूरे भारतवर

गौरी पुत्र श्रीगणेश के नाम से है गाँव की पहचान
गाँव जामोनिया गणेश में बाबा की है कृपा दृष्टि।।



आज से पूरे भारतवर्ष में हर तरफ़ गणेश उत्सव की तैयारीया जोरों पर है। चारो ओर धूमधाम से बाल गणेश की झाँकिया सजाई जा रही है। लेकिन आज हम आपको मध्यप्रदेश के एक ऐसे गाँव के बारे में बता रहे है। जहाँ सिद्धि विनायक स्वयं ही अपनी झाँकी बनाये बैठे है। हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के जिला राजगढ़ के ब्लॉक नरसिंहगढ के ग्राम जामोनिया गणेश की इस गाँव की पहचान ही गणेश जी महाराज के नाम से होती है। यहाँ भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा विराजमान है। जिनकी महिमा से गाँव व आसपास का हर एक व्यक्ति परिचित है। यहाँ दूर-दूर से भी भक्त दर्शन करने आते है। ग्रामीणों की माने तो यहाँ प्रतिमा लगभग पाँच सौ वर्ष से अधिक पुरानी मानी जाती है। बुजुर्गों का कहना है कि पुराने समय मे किसी अन्य गाँव के व्यक्तियों द्वारा बैलगाड़ी के माध्यम से इस प्रतिमा को ले जाया जा रहा था। लेकिन हमारे गाँव मे विशाल बरगद के पेड़ों की छाया को देखकर उन्होंने विश्राम करने के लिये यहाँ बैलगाडी को रोक दिया। विश्राम करने के बाद जा वहाँ जाने की तैयारी करने लगे तब उनकी बैलगाडी अत्यधिक प्रयास करने के बाद भी तस से मस नही हुई। काफी परिश्रम के बाद उन लोगो ने व हमारे गाँव के बुद्धिजीवी बुजुर्गों के द्वारा भगवान गणेश की मर्जी को जान प्रतिमा को बरगद के पेड़ के नीचे ही विराजमान कर दिया। बस तब से लेकर आज तक गणेश जी महाराज की कृपा दृष्टि हमारे गाँव पर बनी हुई है। यहाँ का हर एक व्यक्ति प्रभु की लीला का गुणगान करता है। गणेश जी के द्वारा यहाँ कई चमत्कार किये गये है। जो यह प्रमाणित करते है कि आज भी अगर मन से कोई इच्छा लेकर बाबा के दरबार मे आते है। तो उनकी इच्छा अवश्य पूरी होती है। बुधवार के दिन यहाँ भक्तों का मैला लगा रहता है। गणेश जी की कृपा से ग्रामीणों द्वारा एक विशाल मन्दिर निर्माण कर दिया गया। जब भी कोई यहाँ आता है। तो गणेश जी की दया उस पर जरूर होती है। आप भी एक बार गणेश जी महाराज का दर्शन करने का लाभ ले।

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